Description
कवयित्री ॠचा राय की कविताएं मुख्यतः सामाजिक संदेश लिए हुए होती है । बड़े ही सरल भाषा में ह्रदय को स्पर्श करती उनकी लेखनी कभी नारी की पीड़ा दर्शाती है, कभी गर्भ में बेटी के दर्द को बयां करती है कभी खुले में शौच मुक्त अभियान को प्रबलता प्रदान करती दिखती है। कभी किसान की पीड़ा सुनायी कभी शिक्षकों को प्रेरणा देती हुई और कभी बच्चों को विद्यालय जाने को कहती हुई, कई अनगिनत सामाजिक कुरीतियां पर प्रहार करती दिखती है।
मूल रुप से बलिया की रहने वाली श्री रविंद्र नाथ राय एवं श्रीमती मीरा राय की प्रथम संतान ॠचा राय बचपन से ही प्रकृति प्रेमी एवं समाज के प्रति कोमल नजरिया रखती थी । विज्ञान में स्नातक के बाद उन्होंने मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन डिग्री भी प्राप्त की ।
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